खुशियां ढूंढने चले थे...BLK

खुशियां ढूंढने चले थे
मुसीबतों से मुलाकात हो गई।
मेरा ही घर छूटा
सारे शहर में बरसात हो गई।

कल तक तो छोटी ही थी
मेरे सामने खड़ी है अब
उम्र के साथ में ही बड़ा नहीं हुआ
मेरी मुसीबतें भी बड़ी हो गई।

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