हजारों मिलती हैं एक जगह,
तब यह मंज़र बनता हैं।
एक अकेली नदी से कभी
समन्दर नही बनता।
गिरकर भी हौसला उठने का
रखना दोस्त,
क्योंकि एक हार से कोई फकीर
और एक जीत से कोई
सिकंदर नहीं बनता।✍BLK
©bableshkumar
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शक्स जिंदा हैं वहीं
जमीर जिसका मरा
सच के साथ होगा खड़ा वहीं
जो झूठ से डरा नहीं...BLK
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दौर जो भी हों,
हम हर दौर में बोलेंगे।
वो अगर बेहरा है तो,
हम ज़ोर से बोलेंगे।
बेशक! तुम दबा दोगे
आवाज हमारी तो क्या,
दबी आवाज़ में भी हम,
बड़े शोर से बोलेंगे।
तुम छिनलो चाए मंच हमारा
आज यहां नहीं बोल सके तो क्या,
कल यही बात हम
कहीं ओर से बोलेंगे।
हम हर दौर में बोलेंगे।
वो अगर बेहरा है तो,
हम ज़ोर से बोलेंगे।
बेशक! तुम दबा दोगे
आवाज हमारी तो क्या,
दबी आवाज़ में भी हम,
बड़े शोर से बोलेंगे।
तुम छिनलो चाए मंच हमारा
आज यहां नहीं बोल सके तो क्या,
कल यही बात हम
कहीं ओर से बोलेंगे।
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