जिंदगी

कभी सवर जाती हैं
कभी बिखर 
जाती हैं।
कभी धुंधली होती हैं बहुत
तो कभी निखर जाती हैं।
कुछ यादें बनती हैं हसीन
कुछ दर्द भरी रह जाती हैं।
कुछ उम्रभर साथ चलती है
कुछ बहुत पीछे 
छूट जाती है।
यह जिंदगी है जिंदगी ,
आहिस्ता आहिस्ता
गुजर जाती हैं।
zindagi kavita,जिंदगी प्यार का गीत
zindagi kavita

सुख दुख की कश्मकश में 
भागती है बहुत तेज़
फिर भी वक्त से 
पीछे रह जाती हैं।
यह वो कहानी है
जिसका पूर्व निर्धारित
कोई अंत नहीं।
जी भर के जी लो
फिर भी ख्वाहिश
अधूरी रह जाती हैं।
इंसान चले जाते है
बस यादें रह जाती है
यह जिंदगी है जिंदगी 
आहिस्ता आहिस्ता
गुजर जाती हैं।

जिंदगी सांस हैं,
जो सबसे खास है।
प्रतिपल जीने की आस है।
कभी संघर्ष में संवरती है
कभी सफलता में 
और निखरती है।
बचपन में मचलती है
जवानी में धधकती है
तो बुढ़ापे में सिसकती है।
गिरती है,उठती है,
कई बार फिसलती हैं।
यह जिंदगी हैं जिंदगी
आहिस्ता आहिस्ता
गुजर जाती हैं।

जिंदगी है जिंदादिली
फिर खुद को 
साबित करने में 
झूट जाती हैं।
यह किसी कलाई की
चूड़ी नहीं जो 
एक बार चटकने से
टूट जाती हैं।
किसी की बिखर जाती हैं।
किसी की सवर जाती हैं।
यह जिंदगी हैं जिंदगी
आहिस्ता आहिस्ता
गुजर जाती हैं।..BLK

लेखक: बबलेश कुमार (उदयपुर)

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