तुम ही तुम - शायरी

नई शायरी


ख्याल से कभी निकला नहीं जो,
वो ख़्वाब हो तुम।

दिल से निकले हर सवाल का
जवाब हो तुम।

कितनी बार बताऊं
मेरे लिए कितने लाज़वाब हो तुम।

ताउम्र जिसे दिल से पढ़ता रहू,
वो रंगीन किताब हो तुम।
तुम ही तुम - शायरी,new Hindi shayari 2020
New shayari 2020

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काश! कि मेरी दुआ में
इतना असर आ जाए।
आंख खोलू और सामने
तू नज़र आ जाए।।

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नई शायरी


तुमने ने नहीं तो तुम्हारे
झूठे वादों ने मारा है।

हमें हादसों ने नहीं
तुम्हारी यादों ने मारा है।
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दोस्त भी दूर हो गए मेरे
जब देखा सच बोलकर
वो दिल दुश्मनों का भी जीत रहा है झूठ बोलकर।

मांग ली माफी मैने अपनी हर एक  गलती पर
वो बच निकला हर बार एक और झूठ बोलकर।
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हसरतें हजार टूटी
मगर जीने की आस नहीं।
सपना ही तो टूटा है
सांस नहीं।।
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वफ़ा! हम आज भी इस क़दर निभा रहे हैं।📝🤔

तुम्हारी यादों का बोझ,
दिल से उठा रहे हैं।💝BLK😊

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