प्रेममय हो धरा। New Hindi Kavita । Dharti Kavita

प्रेममय हो धरा। New Hindi Kavita । Dharti Kavita

दोस्तों अगर आप New Poem,Geet,Gajal,New Shayari पढ़ने के शौकीन है तो हम आपके इस शौक को पूरा करने की दिल से कोशिश करेंगे।


हम इस ब्लॉग पर नई कविता,नई शायरी,गीत, ग़ज़ल और नॉलेज से संबंधित आर्टिकल्स लिखते रहते हैं। Kavita, shayari,Gajal, हमारा जितना ज्यादा मनोरंजन करती है उतनी ही ज्यादा ज्ञानवर्धक भी होती है।





जीवन की कई सारी उलझी हुई बातों को इंसान कविता शायरी ग़ज़ल के माध्यम से अच्छे से बोल सकता है। यही वजह है कि लेखक कविता शायरी के माध्यम से जो लिखते हैं। जब हम उनको पढ़ते हैं तो ऐसा लगता है जैसे यह सब हमारे साथ हुआ है या ये हमारी जिंदगी के बारे में ही लिखा गया है।


इसीलिए हम उस Kavita से Shayari से हमारे जीवन को, अपने आप को जोड़ कर देखने लगते हैं। कविता गीत गजल शायरी आदि के माध्यम से खुशी,दर्द,प्यार,इच्छा,कामना, तन्हाई,बेवफाई,त्याग,समर्पण, कश्मकश आदि सभी भावनाओ को अच्छे से बयां किया जा सकता है। इसलिए हर इंसान इनमें से किसी ना किसी से अपने जीवन में जुड़ा हुआ जरूर रहता है।



तो चलिए
दोस्तों आज हम आपके लिए धरती पर एक नई कविता लेकर आए हैं जिसका शीर्षक है।

प्रेममय हो धरा 

New Hindi Kavita

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काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा।
जीवन हो समरस प्रेम भरा।क्यू1
ना हिंदू हो ना मुसलमान
सब बन जाए
केवल और केवल इंसान।

धरा New Hindi Kavita,New Poem
प्रेममय हो धरा


सरहदें हटे बेर भाव मिटे
धर्म जात पात के बंधन कटे।

शांति सद्भाव मैत्रीपूर्ण हो धरा

काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा।




चारों ओर खुशहाली,
हरियाली हो।
सदा प्रेमरस झरे
ऐसी जन-जीवन प्याली हो।

सुख दुख में साथ निभाए
कोई जेब ना खाली हो|

फल फूल धन-धान्य से 
परिपूर्ण हो धरा।
काश! प्रेममय हो 
संपूर्ण धरा।

काश! प्रेममय हो सम्पूर्ण धरा।..BLK


बबलेश कुमार
उदयपुर राजस्थान

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I hope आपको मेरी New Hindi Kavita, Dhara जरूर पसंद आई होगी।

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