Hello दोस्तो,
आज हम आपके लिए मन पर एक शानदार नई कविता लेकर आए हैं।
उम्मीद है आपको जरूर पसंद आएगी। पूरी पढ़े
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मन मदारी, मन सारथी |
Hindi Kavita । मन मदारी । New Poem
मन मदारी,मन सारथी।
मन गाली,मन ही आरती।
मन से मोह,मन से माया।
मन दर्पण,मन मनुज का साया।
करता कर्म शुभ अशुभ सारे,
फिर भी इसके रंग रूप ना काया।
रंक हुए,राजा हुए
सब मन अधीन हुए।
ना ना नाच नचाए
मन ने सबको भरमाया।
मन से मौका,मन से धोखा।
चाहे जा जावे,मन को किसने रोका।
Man - New Hindi Kavita
एक पल में अतीत का देखे सपना।
एक पल में करे नूतन कोरी कल्पना।
मन से वासना,मन से साधना।
मन करे परमार्थ,मन ही अशुभ की कामना।
New Hindi Poem
मन से दुआ,वंदना,
प्रार्थना और पूजा।
मन से बड़ा सखा शत्रु
नहीं कोई दूजा।
मन मदारी,मन सारथी।
मन गाली,मन ही आरती।
मन से मोह,मन से माया।
मन दर्पण,मन मनुज का साया।
मन दर्पण,मन मनुज का साया।
करता कर्म शुभ अशुभ सारे,
फिर भी इसके रंग रूप ना काया
मन मदारी मन सारथी
मन ही गाली, मन ही आरती
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